देहरादून/नैनीताल :::- ऑर्थोपेडिक सोसायटी एवं सोसाइटी फॉर हेल्थ, एजुकेशन एंड विमेन एम्पावरमेंट अवेयरनेस (एसएचईडब्ल्यूए) द्वारा राष्ट्रीय हड्डी एवं जोड़ दिवस के अवसर पर एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान सोसायटी के भूतपूर्व, वर्तमान अध्यक्षों एवं सचिवों को मुख्य अतिथि स्वास्थ्य महानिदेशक डाॅ. तारा आर्य, इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के उत्तरांचल चैप्टर के संस्थापक अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. बीकेएस संजय एवं देहरादून ऑर्थोपेडिक सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. एसएन सिंह ने सम्मानित किया।
दुनिया में विभिन्न स्वास्थ्य मुद्दों के आधार पर विभिन्न महत्वपूर्ण दिन मनाने की परंपरा है। इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन 2012 से 4 अगस्त को राष्ट्रीय हड्डी एवं जोड़ दिवस मना रहा है। यह दिन हड्डी और जोड़ से संबंधित मुद्दे के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। हड्डी, जोड़ और मांस मिलकर स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। चलने-फिरने की गुणवत्ता हड्डी और जोड़ों के स्वास्थ्य की गुणवत्ता और शरीर के अन्य हिस्से जैसे मांसपेशियों और नसों की संरचना पर निर्भर करती है।
पद्मश्री डॉ. बीकेएस संजय ने कहा कि हृदय, फेफड़ों और मस्तिष्क आदि जैसे महत्वपूर्ण अंगों को स्वस्थ्य बनाए रखने के लिए चलना-फिरना महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि हाथ और पैरों का स्वास्थ्य दिल और फेफड़ों के स्वास्थ्य की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण है। पद्मश्री डॉ. संजय ने डॉक्टरों से अपील की वे अपना स्वास्थ्य बनाए रखें और हाथ-पैरों के स्वास्थ के महत्व को आम जनता में फैलाऐं। उन्होंने अच्छे स्वास्थ के एक एक्रोनिम डीईडब्ल्यूएस (आहार, व्यायाम, कार्य और नींद) दिया और कहा कि योग, व्यायाम और नींद ना लागत वाले स्वास्थवर्द्धक उपाय हैं। उन्होंने कहा की संजय आर्थोपीडिक, स्पाइन एंड मैटरनिटी सेंटर के द्वारा एक साप्ताहिक निःशुल्क आर्थोपेडिक स्वास्थ्य कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है जिसमें 5 अगस्त को आर्थोपीडिक मरीजों को स्वास्थ परीक्षण, 6 अगस्त को बीएमडी, 7-8 अगस्त को आपरेशन 9-10 अगस्त को फिजियोथेरेपी सेवाऐं दी जाएगी।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड के स्वास्थ सेवाओं की महानिदेशक डाॅ. तारा आर्य ने कहा कि मैदानी एवं शहरी क्षेत्रों की तुलना में सुदूर एवं पहाड़ी क्षेत्रों की स्वास्थ आवश्यकताऐं कुछ हद तक अलग है जहां पर कमर दर्द और घुटनों का दर्द एक आम समस्या है इन समस्याओं को दूर करने के लिए आर्थोपीडिक सर्जन्स की संवाऐं नितांत आवश्यक है जिसको प्रदान करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
डाॅ. एसएन सिंह ने कहा कि आर्थोपीडिक सर्जन को लोगों के हड्डियों और जोड़ों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में बड़ा योगदान है और हम सब आर्थोपीडिक सर्जन का दायित्व है की हड्डियों और जोड़ों के स्वास्थ्य के प्रति आम जनता को समय-समय पर जागरूक करते रहें।
इस दौरान डॉ.गौरव संजय डाॅ. सुधीर गुप्ता, डाॅ.जेपी नवानी, डाॅ..वीके नौटियाल, डाॅ.आनन्द गोयल, डाॅ.एचके जोशी, डाॅ. एचके जौहरी, डाॅ. हरीश कोहली, डाॅ. डीसी नौटियाल, डाॅ. एसके गुप्ता, डाॅ.एसएन सिंह, डाॅ. रोमेश गौर, डाॅ.राजीव द्विवेदी, डाॅ.सौरभ मेहरा, डाॅ.प्रवीन मित्तल, डाॅ.गौरव संजय को सम्मानित किया गया।
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