देहरादून /नैनीताल :::- अन्तर्राष्ट्रीय विकलांगता दिवस के अवसर पर संजय ऑर्थोपीडिक, स्पाइन एवं मैटरनिटी सेंटर और सेवा सोसाइटी के सहयोग से मंगलवार को दिव्यांगता के ऊपर एक संगोष्ठी सम्मान समारोह एवं निःशुल्क ऑर्थोपीडिक परामर्श शिविर का आयोजन किया। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि पद्मश्री डाॅ. आरके जैन, अध्यक्ष अल्पसंख्यक आयोग, उत्तराखण्ड, विशिष्ट अतिथि पद्मश्री कल्याण सिंह रावत, स्पर्श हिमालय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केएन जैन, आयुर्वेदाचार्य डाॅ. महेन्द्र राणा, वरिष्ठ ऑर्थोपीडिक सर्जन डाॅ. जेपी नवानी, समाजसेवी देवेन्द्र पाल सिंह मोन्टी, पद्मश्री डाॅ. बीकेएस संजय, ऑर्थोपीडिक सर्जन डाॅ. गौरव संजय, डाॅ. सुजाता संजय ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
पद्मश्री डॉ. संजय ने कहा कि दिव्यांगता जितना अधिक समय रहती है उसका प्रभाव आनुपातिक रूप से बढ़ता रहता है। सरकारी, गैर-सरकारी संगठनों और समाज को किसी भी प्रकार की दिव्यांगता को रोकने का प्रयास करना चाहिए। किसी भी कारण से हुई विकृति और दिव्यांगता को जल्द से जल्द ठीक किया जाना चाहिए। इसलिए हमेशा रोगी को विकृति और रोगी के परिवार के सदस्यों को सलाह देते हैं कि यदि सर्जरी की आवश्यकता है, तो इसे जल्द से जल्द किया जाना चाहिए क्योंकि पौधे सीधे किए जाते हैं, पेड़ नहीं। डॉ. गौरव संजय ने बताया कि कई दशकों पहले सीपी, पोलियो, ऑर्थोपीडिक दिव्यांगता के मुख्य कारण थे पर आज सड़क दुर्घटनाऐं दिव्यांगता के मुख्य कारण बन गई है। भारत 27 मार्च 2014 से पोलियो मुक्त है। जिससे कोई नये मामले तो सामने नहीं आ रहे हैं लेकिन पोलियो के लाखों पुराने मामले हैं और इसी तरह से सीपी के रोगी राष्ट्र के लिए बड़ी सामाजिक और अन्य समस्याऐें पैदा कर रहे हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पद्मश्री डाॅॅ. आरके जैन ने कहा कि आनुवांशिक दिव्यांगता को कम नहीं किया जा सकता पर सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली विकलांगता को तो कम किया जा सकता है। पूर्व आईएएस डाॅ. आनंद एस खुल्लर ने कहा कि सर्जरी के माध्यम से डॉ. संजय और उनका संस्थान अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। दिव्यांग व्यक्तियों को भी समान रूप से देखें और उनको समान अवसर प्रदान करें।
वही कुलपति प्रो. केएन जैना ने कहा कि शरीर मन और आत्मा सबके पास है तो कोई भी व्यक्ति दिव्यांग नहीं है। इन सभी के समावेश से हर व्यक्ति को अपना योगदान समाज के प्रति देना चाहिए।
इस दौरान वरिष्ठ ऑर्थोपीडिक सर्जन डॉ. जेपी नवानी ने कहा कि दिव्यांग लोगों को केवल विश्व विकलांगता दिवस के दिन ही नहीं बल्कि हमेशा इतना ही महत्व दें जितना कि आज के दिन दे रहे हैं। पद्मश्री कल्याण सिंह रावत ने कहा कि डॉ. संजय और उनकी संस्था जो कार्य कर रही है वह सराहनीय है। समाज में विकलांग वह लोग हैं जो समाज की अनदेखी कर रहे हैं और अपना योगदान नहीं दे रहे हैं। सभी को समाज की उन्नति में अपना महत्वपूर्ण योगदान देना चाहिए। इसके अतिरिक्त सभी सम्मानित दिव्यांगजनों एवं संस्थानों के पदाधिकारियों एवं आए हुए सभी प्रबुद्धजनों ने एक राय से कहा कि दिव्यांग लोगों को समाज की केवल सहानुभूति नहीं बल्कि समाज के सहयोग ही जरूरत है।
कार्यक्रम का संचालन योगेश अग्रवाल के द्वारा किया गया।
इस दौरान सेंटर एवं सेवा सोसाइटी के सहयोग से दक्ष दिव्यांग खिलाड़ियों, नीरजा गोयल, राजेन्द्र सिंह तनवर, राजेश वर्मा, विशाल गोयल, मन्नू सिंह, मनोज परमार, धनवीर सिंह भण्डारी, अमित कुमार, नवीन कुमार, एनआईवीएच, मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय संगठन, इनर व्हील क्लब, लायंस क्लब, चशायर होम, बजाज लर्निंग, सीनियर सिटिजन वेलफेयर सोसायटी मसूरी इत्यादि को उनके उल्लेखनीय कार्यों के लिए सम्मानित भी किया गया।