भत्रोंजखान /रानीखेत :::- राजकीय महाविद्यालय भत्रोजखान में नशा मुक्ति प्रकोष्ठ के मुख्यमंत्री नशामुक्त देवभूमि कार्यक्रम के अंतर्गत एक दिवसीय संवेदीकरण कार्यशाला का अयोजन किया गया जिसमे अजीत सिंह , एनजीओ बालाजी सेवा संस्थान, संभागीय समन्वयक देहरादून द्वारा तंबाकू नियंत्रण एवं दुष्प्रभाव पर एक संवेदीकरण कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप से शिरकत की गई। कार्यक्रम का आयोजन प्राचार्य प्रो. सीमा श्रीवास्तव के मार्गदर्शन व नोडल अधिकारी डॉ.केतकी तारा कुमैय्या के नेतृत्व में किया गया।
यह संस्था मुख्यमंत्री कार्यालय के अपने वक्तव्य में उन्होंने साझा किया की कैसे उत्तराखंड में 26.5 प्रतिशत जनसंख्या प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से गिरफ्त में हैं तथा इसको नारकोटिक्स की श्रेणी में न होने के कारण इसकी रोकथाम में समय लग रहा है व कोपटा अधिनियम के बारे में बताया जिसके अनुच्छेद 4 के अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र में धूम्रपान करने पर सजा या 200 रुपए का दंड दिया जाएगा । वही अधिनियम के अनुच्छेद 6 (ब) के अंतर्गत शिक्षण संस्थानों के 100 गज के परिक्षेत्र में किसी भी प्रकार का तंबाकू उत्पादों के सेवन व क्रय विक्रय प्रतिबंधित किया गया है।
इस दौरान उन्होंने तंबाकू वेंडर लाइसेंस की बात भी रही जिसके अंतर्गत वे ही व्यापारिक प्रतिष्ठान ऐसे उत्पादों का क्रय विक्रय कर पाएंगे जिनके पास लाइसेंस होगा व इसके प्रचार प्रसार को नियंत्रित किया जा सकेगा। साथ ही यदि किसी व्यक्ति को इस लत से मुक्ति चाहिए तो वे डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के तंबाकू उन्मूलन केंद्र से संपर्क कर अपनी जीवन शैली में सुधार ला सकते है। इस कार्यक्रम में 56 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया तथा नशा निषेध का पुनः संकल्प लिया गया।