भत्रोंजखान:::- भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के आदेशों के अनुपालन में राजकीय महाविद्यालय भत्रोंजखान में   राष्ट्रगीत वंदे मातरम् के 150वें स्मरणोत्सव का आयोजन बड़े हर्षोल्लास एवं देशभक्ति के साथ किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्राचार्य प्रो. पुष्पेश कुमार पांडेय के मार्गदर्शन व कार्यक्रम अधिकारी डॉ. केतकी तारा कुमैय्यां के नेतृत्व में संपन्न हुआ।

कार्यक्रम का शुभारंभ वंदे मातरम् के सामूहिक गायन से हुआ, जिसमें सभी प्रतिभागियों ने राष्ट्रहित एवं भारतीयता के संकल्पों को पुनः दोहराया। इसके पश्चात् महाविद्यालय  में यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आभासी पटल पर हुए प्रेरक संबोधन को सुना। प्रधानमंत्री ने अपने उद्बोधन में वंदे मातरम् के गौरवशाली इतिहास, उसकी चिरस्थायी प्रासंगिकता तथा स्वतंत्रता संग्राम में उसकी भूमिका पर विस्तृत विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम अधिकारी डॉ. केतकी तारा कुमैय्यां ने इस अवसर को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने गीत की व्याख्या करते हुए उसके आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक सार को रेखांकित किया।  
वंदे मातरम् की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, विकास यात्रा तथा भारतीय साहित्यिक पुनर्जागरण के महान रचयिता स्व. बंकिमचंद्र चटर्जी के योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला।

इस दौरान सुनीता भट्ट, भूपेन्द्र, सुनील, ललित , रोहित ,धर्मेंद्र ,हिमानी, निधि,मेघा ममता,रिया ,ज्योति,नैना,जगमोहन,मोहित,प्रवेश, कृष्णा,नीरज सिंह  समेत अन्य लोग मौजूद रहें।

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