बागेश्वर:::- एस.सी.एस.एस. गवर्नमेंट पी.जी. कॉलेज, कापकोट द्वारा शनिवार को रोल ऑफ इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स इन फोस्टरिंग इनोवेशन विषय पर एक विशेष ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर डी.एस.बी परिसर कुमाऊँ विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. ललित एम. तिवारी मुख्य वक्ता रहे। उन्होंने अपने व्याख्यान में कहा कि आज के शोध-आधारित युग में बौद्धिक संपदा अधिकार (आई.पी.आर.) का महत्व लगातार बढ़ रहा है। आई.पी.आर. न केवल नवाचार और रचनात्मकता को बढ़ावा देता है, बल्कि आविष्कारों और नई खोजों की कानूनी सुरक्षा भी सुनिश्चित करता है।

प्रो. तिवारी ने पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क, डिज़ाइन, ज्योग्राफिकल इंडिकेशन्स और ट्रेड सीक्रेट जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि आई.पी.आर. से किसी व्यक्ति या कंपनी को अपने विचारों और कार्यों पर कानूनी स्वामित्व प्राप्त होता है। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि मैगी का नाम और स्वाद नेस्ले कंपनी का ट्रेडमार्क है, ए.आर. रहमान के गीतों और धुनों पर उनका कॉपीराइट है, कोका-कोला की विशेष रेसिपी और लोगो पेटेंट व ट्रेडमार्क से सुरक्षित हैं, जबकि मैकडॉनल्ड्स का नाम और लोगो भी ट्रेडमार्क के अंतर्गत संरक्षित हैं।

उन्होंने छात्रों, शोधकर्ताओं और शिक्षकों से आग्रह किया कि वे आई.पी.आर. की बारीकियों को समय रहते समझें और उसका सही उपयोग करें। इससे न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों की रक्षा होगी बल्कि स्टार्ट-अप, उद्यमिता और शैक्षणिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान संभव होगा।


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