अल्मोड़ा :::- खगोल विज्ञान एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बेमिसाल संगम को समर्पित योगदानात्मक पुस्तक The intelligent universe: AI’s Role in Astronomy अब विश्व प्रतिष्ठित प्रकाशन गृह Wiley-scrivener में प्रकाशित हो चुकी है। इस वैज्ञानिक पुस्तक का संपादन मुख्य रूप से डॉ. योगेश पांडे ( सहायक प्राध्यापक, एस्ट्रोफिजिक्स एवं आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बाजपुर, कुमाऊं विश्वविद्यालय) एवं श्री मंजुलेश्वर पंडा (स्वतंत्र खगोल विज्ञान शोधकर्ता) के नेतृत्व में हुआ है। इस पुस्तक के लेखन में वैश्विक स्तर के विभिन्न वैज्ञानिकों के साथ ही भारत, अमेरिका, जर्मनी, चीन, ऑस्ट्रेलिया, एवं अन्य देशों के अनुसंधान प्रतिभागियों का अभूतपूर्व योगदान रहा है जो इस पुस्तक को वैश्विक और बहुआयामी दृष्टिकोण प्रदान करते हैं।
यह पुस्तक खगोल विज्ञान में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की महत्वपूर्ण एवं समयोपरांत विकसित होती हुई भूमिका पर प्रकाश डालती है। यह रचना खगोल विज्ञान में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की विविध संभावनाओं जैसे डेटा विश्लेषण, बाह्य गृह खोज, डार्क मैटर अध्ययन, गुरूत्वीय तरंग पहचान, रेडियो खगोल विज्ञान, इमेज प्रोसेसिंग, स्वचालित दूरबीन संचालन, अंतरिक्ष अन्वेषण एवं नेविगेशन, एस्ट्रोबायोलॉजी, व भविष्य की वैज्ञानिक चुनौतियों को समाहित करते हुए न केवल तकनीकात्मक विकास पर चर्चा करती है, बल्कि यह दर्शाती है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता अब खगोल जगत का एक अपरिहार्य साथी बन चुका है।
इस वैज्ञानिक सह रचना का निर्माण अंतराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय शोध कुशल एवं शैक्षिक योगदानकर्ताओं की सहभागिता के फलस्वरूप हुआ है। इन योगदानकर्ताओं में भारत, अमेरिका, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, चीन, दक्षिण कोरिया, ताइवान एवं विभिन्न देशों के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक, प्राध्यापक, शोधकर्ता एवं अन्य सभी लेखक सम्मिलित है।
यह पुस्तक समर्पित है विज्ञान के उन सभी खोजकर्ताओं को जो वैज्ञानिक बोध और सत्य अन्वेषण की अलख जगाते रहे हैं। इस पुस्तक निर्माण के प्रोत्साहन के रूप में भूमिका लेखन के लिए अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त प्रोफेसर डॉ वालीद हम्दी एल्सनहौरी (खगोल विज्ञान विभाग, तारकीय खगोल विज्ञान प्रयोगशाला, राष्ट्रीय खगोल विज्ञान एवं भूभौतिकी अनुसंधान संस्थान – एनआरआईएजी, मिस्र), प्रोफेसर दीवान सिंह रावत (कुलपति, कुमाऊं विश्वविद्यालय), प्रोफेसर ओ. पीएस नेगी ( भूतपूर्व कुलपति, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय), डॉ जे. सी. कपिल ( वरिष्ठ वैज्ञानिक – रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, भारत सरकार), डॉ शैलेश उप्रेती (मुख्य कार्यकारी अधिकारी – सी फॉर वी, न्यूयॉर्क, संयुक्त राष्ट्र अमेरिका), एवं डॉ एम. सिंह (प्रोफेसर, भौतिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग, लेसोथो राष्ट्रीय विश्वविद्यालय, दक्षिणी अफ्रीका), इन सभी गणमान्य व्यक्तियों का संपादक मंडल हार्दिक आभार व्यक्त करता है। यह पुस्तक अब विले, विले स्क्रीवेनर, एवं अमेजन पर उपलब्ध है। शब्दार्थ एवं सरलता से सजी यह कृति छात्रों, शोधकर्ताओं, और आम जिज्ञासुओं के लिए प्रणीत है, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता एवं खगोल विज्ञान के अंतर्विषयक मिलन को समझने की इच्छा रखते हैं।


Good evening 💐, एस्ट्रोनॉमी में अपनी इस उपलब्धि के लिए सभी गुरूजी लोगों को मेरी तरफ से शुभकामनाएं. आपकी लिखें लेख मे मैं रोज पढ़ाता हूं मुझे आपका लिखा हुआ हर शब्द हर वाक्य बहुत अच्छा लगता है. आपकी लगन और मेहनत आपको बहुत आगे ले जाए, आपके सभी सपने पूरे हो और अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखे . Khana jarur khayiyega taki aap majbut ban sanke.😕