अल्मोड़ा:::-  उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने कहा कि मेडिकल कॉलेज आम जनता के लिए आज मात्र एक सफेद हाथी सिद्ध हो रहा है।यहां प्रसव के लिए आई महिलाओं को जबरन रेफर किया जा रहा है जो दुर्भाग्यपूर्ण होने के साथ ही बेहद शर्मनाक भी है। श्री कर्नाटक ने कहा कि मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य यदि मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं कर पा रहे हैं तो उन्हें अपने पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए।उन्होंने कहा कि आज मेडिकल कॉलेज प्रशासन की लापरवाही से अल्मोड़ा सहित आसपास के क्षेत्र की गरीब और मजबूर जनता इलाज के लिए तरस रही है।उन्होंने कहा कि बेहद शर्मनाक है कि प्रसव के लिए आई महिलाओं को मेडिकल कॉलेज प्रशासन जबरन रेफर कर रहा है और उन्हीं महिलाओं के बाद में सामान्य प्रसव हो रहे हैं।उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट तौर पर मेडिकल कॉलेज प्रशासन की काम चोरी और लापरवाही है। श्री कर्नाटक ने जोर देते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन प्रेस करके मात्र बड़ी-बड़ी बातें कर रहा है जबकि धरातल पर आज भी स्थिति बेहद भयावह बनी हुई है, पिछले साल दिसंबर माह में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने प्रेस करके मीडिया के सामने यह वक्तव्य दिया था कि जनवरी के प्रथम सप्ताह में मेडिकल कॉलेज में रक्त कोष की सुविधा प्रारंभ हो जाएगी। लेकिन बड़े शर्म की बात है कि एक जिम्मेदार अधिकारी के बयान के बावजूद आज आठ माह गुजर जाने के बाद भी अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में ब्लड बैंक प्रारंभ नहीं हुआ है,जिस तरह ब्लड बैंक के प्रारंभ होने की हवाई घोषणा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य द्वारा 8 माह पूर्व की गई थी इसी तरह मेडिकल कॉलेज प्रशासन मात्र कोरी बातें कर रहा है जिसका खामियाजा यहां की जनता को भुगतना पड़ रहा है। श्री कर्नाटक ने कहा कि पूर्व में भी एक दिवसीय धरने के माध्यम से उन्होंने मेडिकल कॉलेज को चेताने का प्रयास किया था लेकिन ऐसा लगता है कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन गहरी नींद में सोया है, मेडिकल कॉलेज में महिलाओं के प्रसव,ब्लड बैंक,इमरजेंसी ओटी, न्यूरोलॉजिस्ट सहित दर्जनों मांगो को लेकर वे 2 सितंबर सोमवार को मेडिकल कॉलेज में प्राचार्य कक्ष के बाहर धरना/प्रदर्शन करेंगे और इस एक दिवसीय धरने के पश्चात भी यदि मेडिकल कॉलेज प्रशासन नहीं जागा तो चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जाएगा, श्री कर्नाटक ने कहा कि अक्टूबर माह तक यदि स्थिति में सुधार नहीं होता है तो दीपावली से पूर्व वह प्राचार्य के कक्षा के बाहर आमरण अनशन करेंगे, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी मेडिकल कॉलेज प्रशासन की होगी ।

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