अल्मोड़ा:::-  मेडिकल कॉलेज की मरणासन्न हो चुकी स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की मांग को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने सोमवार को मेडिकल कॉलेज में प्राचार्य कक्ष के बाहर धरना प्रदर्शन करके स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की पुरजोर मांग की। उन्होंने प्राचार्य को उनके कक्ष में ही बन्द कर दिया।इस अवसर पर धरने को संबोधित करते हुए कर्नाटक ने कहा कि अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज की स्थापना यहां इसलिए करवाई गई थी कि अल्मोड़ा सहित रानीखेत ,द्वाराहाट, पिथौरागढ़,धारचूला, मुंनस्यारी ,चंपावत, डीडीहाट सहित समस्त पर्वतीय क्षेत्र के लोगों को अल्मोड़ा में ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकेगी ,लेकिन मेडिकल कॉलेज के नाम पर बनी कंक्रीट की बिल्डिंग आज लोगों को सामान्य उपचार देने में भी असफल साबित हो रही है।  कर्नाटक ने कहा कि आज भी महिलाएं मेडिकल कालेज में प्रसव के लिए आ रही हैं तो चिकित्सक उन्हें बिना जांचे परखे सीधे हल्द्वानी रेफर कर दे रहे हैं।अनेकों मामलों में रेफर हुई महिलाओं का बाद में सामान्य प्रसव हुआ है जो मेडिकल कालेज प्रशासन की भूमिका पर प्रश्नचिन्ह पैदा करता है। उन्होंने कहा कि जब  महिलाओं को ही अपने जिले के मेडिकल कालेज में उपचार नहीं मिल पा रहा तो क्या मेडिकल कालेज केवल लाखों रूपये की तनख्वाह पाने वाले चिकित्सकों के रोजगार के लिए बनाया गया। उन्होंने कहा कि सायं चार बजे बाद जितने दुर्घटना आदि के मरीज आ रहे हैं उन्हें इमरजेंसी कक्ष से ही हल्द्वानी रेफर कर दिया जा रहा है जो मेडिकल कालेज प्रशासन की लापरवाही को स्पष्ट प्रदर्शित करता है।  कर्नाटक ने कहा कि मेडिकल कालेज में कंक्रीट की बिल्डिंगें तो बन गयी लेकिन न्यूरोलॉजिस्ट अभी तक नहीं आया। प्राचार्य का सुन्दर सा कक्ष बन गया लेकिन इमरजेंसी ओटी नहीं बन पाई है। चिकित्सकों के आवास बन गये लेकिन बर्न यूनिट के लिए जगह तक नहीं है। उन्होंने कहा कि  मेडिकल कालेज में मुफ्त दवाएं तक लोगों को नहीं मिल रही और हजारों रूपये की दवाएं लोग प्राइवेट मेडिकल स्टोर से खरीदने को मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल कालेज के प्राचार्य दिसम्बर 2023 को मीडिया को बुलाकर कहते हैं कि जनवरी प्रथम सप्ताह से मेडिकल कालेज में ब्लड बैंक प्रारंभ हो जाएगा लेकिन आज आठ माह बाद भी मेडिकल कालेज में ब्लड बैंक का दूर दूर तक कोई अता पता नहीं हैं। कहा कि अल्मोड़ा मेडिकल कालेज के प्राचार्य का गैर जिम्मेदाराना  रवैया इस बयान से सामने आता है। यदि प्राचार्य मेडिकल कालेज में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में लगातार असफल साबित हो रहे हैं तो वे जनहित में अपने पद से इस्तीफा दे  ताकि जो नये प्राचार्य आये वे जिम्मेदारी के साथ मेडिकल कालेज की समस्त अव्यवस्थाएं को दुरुस्त कर जनता को राहत प्रदान करे।  कर्नाटक ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है,जनता को मूलभूत सुविधा ही नहीं मिल पा रही हैं तो ब्लड बैंक,न्यूरो,कार्डियो,डायलिसिस आदि की कल्पना करना बेमानी है। कर्नाटक ने कहा कि यहां तक कि मेडिकल कॉलेज में अल्ट्रासाउंड तक की सुविधा भी मरीजों को उपलब्ध नहीं हो पा रही है,जिससे मरीजों को व्यापक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।इन सब अव्यवस्थाओं को देखकर यदि अक्टूबर माह के द्वितीय सप्ताह तक इन सभी समस्याओं का समाधान नहीं होता है तो वह  अक्टूबर माह के तृतीय सप्ताह में आमरण अनशन करने को बाध्य होंगे जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी मेडिकल कॉलेज प्रशासन की होगी।

इस दौरान लीलाधर काण्डपाल,पूरन चन्द्र तिवारी,रमेश चंद्र जोशी,जगदीश चन्द्र तिवारी,हयात सिंह बिष्ट,दिनेश चंद्र जोशी,देवेन्द्र कर्नाटक,दीपक पोखरिया,गणेश लाल,कमल बिष्ट, रोहित शैली,राकेश बिष्ट,हेम जोशी,असलम खान,बीरेंद्र कार्की, भूपेंद्र सिंह बिष्ट,त्रिभुवन अधिकारी, सुधीर कुमार,महेंद्र सिंह नेगी,लोकेश जोशी,पवन तिवारी,मोहित तिवारी, अशोक सिंह,हसन,कृष्ण चिलवाल,उमेश रैक्वाल,प्रकाश मेहता, दिनेश कुमार,भूपेंद्र शैली,अनिल जोशी,महेंद्र कनवाल,हिमांशु कनवाल,भगवत आर्या,पंकज कुमार,मोहम्मद साजिद,फिरोज खान, अनिल जोशी,बच्ची सिंह,मेघा खडाई, दिनेश कुमार,निखिल मिश्रा,बौबी कुमार,नीरज सिंह नेगी,दीपांशु भण्डारी,गुड्डू कुमार,सुमित कुमार,उदय शंकर,भाष्कर बिष्ट, मुकेश मिदल,पंकज मेहता,आशु पवार,शिवानी आर्या,अर्जुन सिंह बिष्ट, उमेश सिंह बिष्ट,राहुल कर्नाटक,सोनू गोस्वामी,अमित जोशी,गौरव बिष्ट, विनोद सिंह बिष्ट,करन जीना,प्रियांशु कनवाल,गोकुल,राजेन्द्र,कविता,पवन शिराडी,दीपांशु कनवाल,करन जोशी, अमित अधिकारी समेत अन्य लोग मौजूद रहें ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed