अल्मोड़ा:::- उत्तराखंड संस्कृत शिक्षा परिषद देहरादून द्वारा निर्देशित नूतन छात्र प्रवेशोत्सव 2025 के उपलक्ष्य में श्री कल्याणिका वेद वेदांग संस्कृत विद्यापीठ में धूमधाम से आयोजित किया गया।कार्यक्रम प्रारम्भ वैदिक मंत्रों से दीप प्रज्वलन के साथ व स्वागत गीत आयोजित किया गया।सहायक निदेशक प्रेम प्रकाश ने संस्कृत के बारे परिचय देते हुए कहा कि संस्कृत में अनेक प्रकार के प्रकल्प हैं जिससे देश विदेश में संस्कृत भाषा के सेवा कर सकते हैं।स्वामी विश्वेश्वरानंद ने संस्कृत भाषा को जीवन के प्राणदायिनी भाषा बताया ओर कहा कि संस्कृत भाषा से हम अपने आप को मोक्ष द्वार तक जा सकते हैं,प्राचीन कालों में गुरुकुल परंपरा से ही भारत सोने की चिड़िया नामों जाना जाता था संस्कृत सनातन परंपरा संवाहक है जो अभी भी अक्षुण्ण है।परम पूज्य तपस्वी बाबा कल्याण दास ने बच्चों को सनातन संस्कृति रक्षक बताते हुए सभी छात्रों के मंगलमय जीवन के लिए आशीर्वाद दिए तथा संस्कृत भाषा के धरोहर के पुनरुत्थान में संलग्न परिषद के सभी अधिकारी के कार्यों की सराहना की। अंत में सभी नूतन छात्रों को प्रोत्साहन के लिए कॉपी पेन दिया गया।

इस दौरान आश्रम संस्थापक परम पूज्य तपस्वी बाबा श्री कल्याण दास महाराज,महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद महाराज,प्रबंधक स्वामी कपिलेश्वरानन्द महाराज,महंत त्रिभुवन दास महाराज,उत्तराखंड संस्कृत शिक्षा परिषद के सहायक निदेशक अल्मोड़ा के प्रेम प्रकाश तथा वरिष्ठ सहायक सुरेंद्र, विद्यालय के प्रधानाचार्य विवेक स्वरूप,निति जोशी,निरपाल सिंह,कल्पना डालाकोटी,पूर्णिमा नयाल,हेम चौबे,अमित डोभाल आश्रम के सभी कार्यकर्ता  मौजूद रहें।

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