नैनीताल :::- डीएसबी परिसर कुमाऊँ विश्वविद्यालय के संगीत विभाग द्वारा “भारतीय शास्त्रीय संगीत कार्यक्रम श्रृंखला” के “द्वितीय अध्याय” में “तबला” वाद्य पर आधारित दो दिवसीय कार्यशाला के द्वितीय एवं अंतिम सत्र का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में बतौर मुख्यतिथि निदेशक डीएसबी परिसर प्रो. नीता बोरा शर्मा एवं संकायाध्यक्ष कला प्रो. इन्दु पाठक ने माँ सरस्वती के चरणों में दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और साथ ही संगीत विभाग के विद्यार्थियों को कार्यशाला और उसकी उपयोगिता समझाते हुए प्रोत्साहनस्वरूप संक्षिप्त वक्तव्य भी दिया।

कार्यक्रम के प्रथम चरण में इस दो दिवसीय कार्यशाला के संचालक डॉ.विजय कृष्ण ने सर्वप्रथम ताल तीनताल में अजराड़ा घराने के बाज के इलावा अन्य घरानों के बाज की विशेषताओं को विस्तृत रूप से समझाया। इसके पश्चात उन्होंने कार्यशाला में प्रतिभाग कर रहे विद्यार्थिओं को ताल झपताल, पंचम सवारी एवं रूपक ताल के माध्यम से, विभिन्न क़ायदे, पेशकार, पलटे, रेले, टुकड़े इत्यादि बजाने की विधि को विस्तार से समझाते हुए विद्यार्थियों को प्रशिक्षण भी दिया। आपके साथ हारमोनियम पर लहरा संगत, संगीत विभाग के ही सहायक प्राध्यापक डॉ. रवि जोशी ने की।

इस दो दिवसीय कार्यशाला का सफल समापन करते हुए संगीत विभाग डीएसबी परिसर के विभागाध्यक्ष डॉ. गगनदीप होती ने कार्यशाला के संचालक डॉ. विजय कृष्ण, सभी मुख्य अतिथियों, संगतकार कलाकारों : डॉ. रवि जोशी एवं अलंकार महतोलिया एवं सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सभी कलाकारों एवं अतिथियों को सम्मानित किया। डॉ.गगनदीप होती ने इस कार्यशाला के सफल आयोजन में सहयोग के लिए डॉ.अशोक कुमार, डॉ. संध्या यादव, डॉ.निधि साह, डॉ.हेम भट्ट, डॉ लक्ष्मी धस्माना, बबीता लोहानी एवं छात्र गौरव चंद्रा के प्रति आभार व्यक्त किया। डॉ.होठी ने विशेष रूप से कुमाऊँ विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में कार्यरत पंकज पाठक (डीआईसी सेल) द्वारा प्रदान किए गए अप्रतिम तकनीकी सहयोग के लिए उनके प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्हें सम्मानित भी किया।

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