देहरादून :::- देवभूमि उद्यमिता योजना के तहत दून विश्वविद्यालय में चलाये जा रहें दो दिवसीय मेगा स्टार्ट अप समिट का समापन हो गया है। जिसमें उत्तराखंड के सभी जिलों से आए डिग्री कॉलेज व महाविद्यालय के छात्र /छात्राओं ने लोकल उत्पाद से बनाए सामानो का स्टॉल लगाया।

वहीं अल्मोड़ा जिले के रानीखेत भत्रोंजखान के ग्रामीण इलाकों की एक छात्रा भावना ने प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर हाथ से बने अनोखे और पर्यावरण अनुकूल उत्पाद तैयार किए हैं। राजधानी देहरादून में हाल ही में आयोजित दो दिवसीय देवभूमि उद्यमिता योजना प्रदर्शनी में छात्रा ने गाय के गोबर और चीड़ के पेड़ से गिरने वाले पीरूल (सूखी पत्तियां) से बने आकर्षक हैंडमेड उत्पादों को प्रदर्शित किया, जिन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। छात्रा ने बताया कि यह सभी उत्पाद उन्होंने अपनी शिक्षिका डॉ.केतकी तारा कुमैय्या के मार्गदर्शन में तैयार किए हैं। इन उत्पादों को लोगों से बेहद सराहना मिल रही है और अब वे इन्हें ऑनलाइन भी बेच रही हैं। जो दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु सहित देश के कोने-कोने में इनके उत्पादों की मांग बढ़ रही है।

हाथ से बने इन अनोखे उत्पादों की बिक्री से छात्रा को आर्थिक लाभ हो रहा है, जिससे न सिर्फ उनकी आमदनी बढ़ी है बल्कि यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है। इन उत्पादों के जरिए प्लास्टिक और अन्य हानिकारक सामग्रियों के उपयोग को कम करने में भी मदद मिल रही है। इस पहल से न केवल प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग हो रहा है, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। ऐसे अभिनव प्रयास स्वरोजगार को बढ़ावा देने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

बता दें कि राजकीय महाविद्यालय भत्रोंजखान में अध्यनरत छात्रा भावना ने स्टार्टअप सीड फंड प्राप्त भी किया था।  भावना का अद्भुत उद्यम पिरुल से कोयला राज्यस्तर पर काफी सराहा गया,पर्यावरण समावेशी होने के कारण उसे लाभकारी भी माना गया है।

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