नैनीताल:::- कुमाऊं विश्वविद्यालय के माता जियारानी महिला अध्ययन केन्द्र में जनजातीय सांस्कृतिक विरासत एवं स्वदेशी प्रथाएँ विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी मंगलवार को संपन्न हो गयी। दो दिनी राष्ट्रीय संगोष्ठी में इलाहाबाद विश्वविद्यालय,गढ़वाल विश्वविद्यालय, मिजोरम,लखनऊ,बरेली,अल्मोड़ा,हल्द्वानी,रूद्रपुर,पिथौडागढ़, नैनीताल,रामनगर,जामिया मिलिया नई दिल्ली तथा चन्दौसी, आदि विभिन्न शिक्षण संस्थानों के प्रतिभागियों ने भाग लिया। संगोष्ठी में यह निर्णय लिया गया कि जनजातीय विकास में माताजिया रानी महिला अध्ययन केन्द्र निरन्तर प्रयासरत् रहेगा। संगोष्ठी में प्रस्तुत महत्वपूर्ण शोध पत्रों को पुस्तक में प्रकाशित किया जायेगा।
संगोष्ठी का संचालन प्रो. ललित तिवारी ने कुलगीत के साथ किया तथा प्रो. नीता बोरा शर्मा निदेशक माता जिया रानी महिला अध्ययन केंद्र ने सभी का स्वागत किया। संगोष्ठी में उत्तराखण्ड की जनजातियों के तामपत्र और चन्द गढ़वाली और सिरमौरी राजाओं से जौनसारी, थारू और भोटिया समाज के सम्बन्ध और उसका महत्व विषय पर डॉ. संदीप बडोनी ने अपना व्याख्यान दिया जबकि प्रो. संजय घिल्डियाल विभागाध्यक्ष इतिहास विभाग डीएसबी परिसर ने शोधार्थीयों का ट्राइबल स्टडी में थोनोगा्रफिक अप्रोचेस पर ध्यान केन्द्रित किया।
कार्यक्रम की अतिथि प्रो.आराधना शुक्ला (पूर्व विभागाध्यक्ष मनोविज्ञान विभाग एसएसजे अल्मोड़ा विश्वविद्यालय ने बताया कि शोधार्थी लिखने से पूर्व जनजातियों के बारे जाने कि वे क्या हैं कहां से आती है पूरे भारत वर्ष में बहुत सारी जनजातियां है और उनके भौगोलिक क्षेत्र भी अलग-अलग है और उसी के आधार पर उनका स्वदेशी ज्ञान और खान-पान निर्भर है। शोधार्थियों को काम करने के लिए फिल्ड वर्क, सर्वे और ऑब्जरवेशन बहुत जरूरी है फिर सेकेन्ड्री डेटा से उसका तुलनात्मक अध्ययन किया जाना चाहिए। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि शान्ति मेहरा वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद उपाध्यक्ष/ उत्तराखण्ड सरकार दर्जा राज्यमंत्री ने कहा कि परम्परागत ज्ञान को बचाये रखना ही भारत की संस्कृति की विरासत को बचाये रखना है। उन्होंने माता जिया रानी महिला अध्ययन केन्द्र के द्वारा किये जाने वाले कार्यों में पूर्ण सहयोग करने का आश्वासन दिया और केन्द्र निदेशक को इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. रजनीश पाण्डे,अध्यक्ष कला संकाय, डीएसबी परिसर ने की और सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट वितरित किये। 

इस अवसर पर प्रो.नुजहत परवीन खान , प्रो. पिंकी शर्मा, दिल्ली विश्वविद्यालय, प्रो. संजय टम्टा, प्रो. चन्द्रकला रावत,डॉ. भूमिका, डा. पंकज, डा.इन्दर, डा.मनोज बिष्ट समेत अन्य लोग मौजूद रहें।

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