नैनीताल ::::- कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में छात्र शिकायत निवारण समिति की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. पीसी जोशी द्वारा की गई।

ज्ञात हो कि कुलपति प्रो. दीवान सिंह रावत के दिशानिर्देशों और पहल से कुमाऊं विश्वविद्यालय ने यूजीसी शिकायत निवारण विनियमन, 2012 – 7 दिसंबर 2018 (एफ.नं.14-4/2012 (सीपीपी-II)) की अधिसूचना के अनुसार एक शिकायत निवारण समिति (जीआरसी) का गठन कर दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. पीसी जोशी को इसका अध्यक्ष नामित किया गया था।

छात्र शिकायत निवारण समिति की बैठक की शुरुआत अध्यक्ष द्वारा सभी सदस्यों के परिचय और केयू जीआरसी सदस्यों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों पर चर्चा के साथ हुई। साथ ही बैठक में छात्रों की समस्याओं की पहचान करने और उचित समाधान प्रदान करने के लिए सर्वेक्षण करने पर भी चर्चा की गई।

बैठक में तय किया गया कि छात्र शिकायत निवारण समिति के सदस्यों को नियमित रूप से छात्रों के समस्याओं के निष्पादन की मॉनिटरिंग करनी होगी। 

“छात्र शिकायत निवारण समिति” के निर्णय से असंतुष्ट छात्रों के मामले के निवारण के लिए यूजीसी के गाइडलाइन के विनियम 2023 के प्रावधानों के अनुसार नियुक्त लोकपाल के समक्ष सभी प्रकारणो को रखा जायेगा।

इस अवसर पर छात्र शिकायत निवारण समिति के अध्यक्ष एवम लोकपाल दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो० पी०सी० जोशी ने कहा कि
शिक्षा प्रदान करने वाले किसी भी संस्थान में छात्र मुख्य हितधारक होते हैं, और हमारा प्रयास विभिन्न चरणों में सभी गतिविधियों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करना है।

इस अवसर पर डीएसबी परिसर निदेशक प्रो.नीता बोरा शर्मा शर्मा, अधिष्ठाता छात्र कल्याण डीएसबी परिसर प्रो. संजय पंत, अधिष्ठाता छात्र कल्याण जेसी बोस परिसर प्रो. बीना पांडे, प्रो. अमित जोशी, प्रो. अनिता सिंह, उप कुलसचिव दुर्गेश डिमरी, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी अविराम पंत आदि उपस्थित रहे।

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