अल्मोड़ा:::- शिक्षा संकाय की डीन व विभागाध्यक्ष प्रो.भीमा मनराल ने कहा कि स्वामी ने पूरे विश्व को हिन्दू धर्म,आध्यात्म और संस्कारों से जोड़ने की सीख दी है।इसलिए आज के दौर में प्रत्येक मनुष्य को चाहे वह किसी भी धर्म जाति का हो उसे स्वामी जी के विचारों को आत्मसात करना चाहिए। रामकृष्ण कुटीर अल्मोड़ा के अध्यक्ष स्वामी ध्रुवेशानंद महाराज ने कहा कि आज भी स्वामी जी के विचार, आध्यात्म और योग युवा पीढ़ी के लिए अनुसरण योग्य है। हर युवा को स्वामी जी के विचारों को आत्मसात कर उनके बताए गए मार्ग पर चलने का प्रयास करना होगा। वहीं, लोहाघाट मायावती आश्रम के अध्यक्ष स्वामी शुद्धिदानंद महाराज ने कहा कि व्यक्ति को व्यक्ति सें भेदभाव नहीं करना चाहिए। विवेकानंद जी के दर्शन को केवल पढ़ना ही नही चाहिए अपितु उनके आदर्शों को जीवन में आत्मसात करना चाहिए उनकी बातों को विद्यार्थियों को जीवन में आत्मसात करना चाहिए। इस अवसर पर न्यूजीलैंड, क्रोशिया, यूएसए और बांग्लादेश से अनेक शिक्षाविदों ने वर्चुअल माध्यम से सेमीनार में भागीदारी कर अपने अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर साढ़े तीन सौ से अधिक शोध पत्रों का वाचन किया गया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ चंद्र प्रकाश चंद्र फुलोरिया ने किया। इस मौके पर रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी आत्मश्रद्धानंद महाराज, बाग्लादेश विवि ढाका के प्रो मिल्टन देव, स्विट्जरलैड के डाॅ आशुतोष उर्स स्ट्रोबेल, रामकृष्ण बेलुर मठ के स्वामी वेदनिष्ठानंद महाराज, क्रोशिया की शिक्षाविद् मरीना, प्रो भीमा मनराल, प्रो केएन पांडे, प्रो हामिद अंसारी, प्रो शेखर चंद्र जोशी, डाॅ रिजवाना सिद्दीकी, डाॅ ममता असवाल, डाॅ संगीता पंवार, भाजयुमो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुंदन लटवाल, मनदीप टम्टा, विनोद कुमार, अशोक उप्रेती, पूजा, डाॅ संदीप पांडे, राजेंद्र खाती, कुसुम, पूजा, मनीषा, मंजरी तिवारी, अंजलि, योगेश एव बीएड एवं एमएड शोधार्थी मौजूद रहे।

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